यादों की एक बात अच्छी होती है फिर वो खुशी की हो या तकलीफ़ की
हमेशा साथ होती है औरों की तरह तन्हा तो नहीं छोड़ती

कश्ती मुहब्बत की ,वो पतवार दुर ले जाकर बैठा हे .....
हम परिदें मुहब्बत के किनारे पर हे वो बीच सागर मे बैठा हे 💞💞💞💞

आज किसी की दुआ की कमी है, तभी तो हमारी आँखों में नमी है, कोई तो है जो भूल गया हमें,पर हमारे दिल में उसकी जगह वही है......♡

एक ‪#‎छोरी‬ मुझसे बोली
एक तो तू ‪#‎Smart_Handsome‬ होके भी
‪#‎Single‬ क्यू है
मेंने भी बोल दिया 😇
‪#‎संस्कार_पगली_संस्कार‬ 😛

अपनों से करके किनारा राह के मुसाफिरों को अपना कहने वाला
मुड़ के आएगा जिस दिन बिखर चुका होगा तेरे अपनों का मेला

तुझे कोई और भी चाहे,इस बात से
दिल थोडा थोडा जलता है,||
पर फखर है मुझे इस बात पे कि,
हर कोई मेरी पसंद पे ही मरता है l

युँ न आजमाया करो मेरी दोस्ती-ए-वफा को साहिबां
चाहे जिस तराजू में तौलकर देख लो पलड़ा अपनी ओर ही झुकता नज़र आएगा

अच्छे के साथ अच्छे रहे लेकिन बुरे के साथ बुरे नहीं बने
क्योंकि पानी से खून साफ कर सकते है लेकिन खून से खून नहीं

अच्छे के साथ अच्छे रहे लेकिन बुरे के साथ बुरे नहीं बने
क्योंकि पानी से खून साफ कर सकते है लेकिन खून से खून नहीं

मैं भूल सा गया हूँ तुम्हारे बारे में लिखना आजकल,
सुकून से तुम्हें पढ़ सकूँ इतना भी वक्त नहीं देती है ये जिंदगी..

दुश्मन भी हमारी हालत देख कर हँस
उठे....!
कहने लगे.. जिसका हम कुछ नही कर सके.....
उसका ‪‎मोहब्बत‬ ने क्या हाल कर दिया....!!

कब्र से मेरी लिपट क़र इस शिद्द्दत से किया गुनाह कबुल अपना,
कि आसपास के मुरदे भी तडप उठै उसके हाथो कत्ल होने को..!!®

कर दे शामिल मुझे भी अपने उन बन्दों में मेरे मालिक,
जो सोते है तुझे याद करते करते
जो उठते है तेरा नाम लेते लेते ..!

वो न आए उनकी याद वफ़ा कर गई उनसे मिलने की चाह सुकून तबाह कर गई
आहट दरवाज़े की हुई तो उठकर देखा मज़ाक हमसे हवा कर गई

वो रो रो कर कहती रही मुझे नफरत है तुमसे
मगर एक सवाल आज भी परेशान किये हुए है की अगर इतनी नफरत ही थी तो वो रोई क्यों