दूसरों को सहयोग देना ही उन्हें अपना सहयोगी बनाना है।

आपका खुश रहना ही आपके दुश्मनों के लिए सबसे बड़ी सज़ा है।

क्रोध में आपका मुँह आपके मन की तुलना में ज्यादा चलता है।

इश्क ने कब इजाजत ली है आशिक़ों से
वो होता है और होकर ही रहता है

एक क्रोधित व्यक्ति अपना मुंह खोल लेता है और आँख बंद कर लेता है।

अपने मोक्ष के लिए खुद ही प्रयत्न करें। दूसरों पर निर्भर ना रहे।

महानता कभी न गिरने में नहीं है बल्कि बार-बार गिरकर उठ जाने में है।

पैसा: अगर जेब में तो सबसे बड़ी ताक़त अगर दिमाग में तो सबसे बड़ी कमज़ोरी!

हम सिद्धांत की बात करते हैं लेकिन हम अपने हितों के लिए काम करते हैं।

आईना कोई ऐसा बना दे ऐ खुदा जो इंसान का चेहरा नहीं उसका किरदार दिखा दे।

भविष्य की चिंता में खुद को मत डुबोइए अभी जो पल मला है उसे खुल कर जियें।

दूसरों के अवगुण निकालना बंद करो और खुद के अवगुणों को सुधारना शुरू करो।

शत्रु का लोहा भले ही गर्म हो जाये पर हथौड़ा तो ठंडा रह कर ही काम दे सकता है।

जिस व्यक्ति ने कभी कोई गलती नहीं की उसने कभी कुछ नया करने की कोशिश नहीं की।

अपने शत्रु के लिए अपनी भट्टी को इतना गरम न करो कि वह तुम्हें ही भून कर रख दे।