तेरी पहचान भी न खो जाए कहीं
इतने चेहरे ना बदल थोड़ी सी शोहरत के लिए
तेरी पहचान भी न खो जाए कहीं
इतने चेहरे ना बदल थोड़ी सी शोहरत के लिए
काश आंसुओ के साथ यादे भी बह जाती
तो एक दिन तस्सली से बैठ के रो लेते
एक नींद है जो रात भर नहीं आती,
और एक नसीब है, जो ना जाने कब से सो रहा है..
कोशिश करते करते कामयाब हो जाउँगा
एक दिन नालायक से नायाब हो जाउँगा
लगा के आग दिल में चले हो कहाँ हमदम
अभी तो राख उड़ने पे तमाशा और भी होगा
ना मेरा प्यार कम हुआ, ना उनकी नफरत
अपना अपना फर्ज था, दोनों अदा कर गये
ये मासूमियत का कौन सा अन्दाज़ है,
पर काट कर कह दिया कि,अब तुम आजाद हो।
गुज़रे हैं तेरे बाद भी कुछ लोग इधर से; लेकिन तेरी खुशबू न गई राह गुज़र से।
माना की तेरे प्यार का में मालिक नहीं,
पर कीरायेदार का भी कुछ हक्क तो बनता हैं !!
तुम मेरी जिंदगी मे ऐसे शामिल हो..
जैसे मंदिर के दरवाजे पर बंधे हुए मन्नत के धागे...
रिश्ते खराब होने की एक वजह ये भी है
कि लोग अक्सर टूटना पसंद करते है पर झुकना नहीं
सिर्फ तूने ही कभी मुझको अपना न समझा
जमाना तो आज भी मुझे तेरा दीवाना कहता है
कितनी फिकर है क़ुदरत को मेरे तन्हाई की,
जागते रहते हैं रात भर सितारे मेरे लिये..
ये इश्क़ बनाने वाले की मैं तारीफ करता हूँ
मौत भी हो जाती है और क़ातिल भी पकड़ा नही जाता
शेर को सवा शेर कही ना कही जरुर मिलता है
और रही बात हमारी तो हम तो बचपन से ही शिकारी है