पति: फिर बैंगन! तुम्हें मालूम नहीं, ज्यादा बैंगन खाने से आदमी अगले जन्म में गधा बनता है।
पत्नी: यह बात तो तुम्हें पिछले जन्म में सोचनी चाहिए थी।

तुझे दिल से जुदा कभी होने नही देंगे
तुझे नींद भी आए तो सोने नही देंगे
तेरी मुस्कान हमें इतनी प्यारी है
की हम मर भी गये तो तुझे रोने नही देंगे

आग के पास कभी मोम को ला कर देखू;​
​हो इजाजत तो तुझे तुझे हाथ लगा कर देखू;​
दिल का मंदिर बड़ा वीरान नज़र आता है;​
​सोचता हूँ तेरी तस्वीर लगाकर देखू।

जान से भी ज्यादा उन्हें प्यार किया करते थे
याद उन्हें दिन-रात किया करते थे
अब उन राहों से गुजरा नहीं जाता
जहाँ बैठकर उनका इंतज़ार किया करते थे

निकले जब आँसू उसकी आँखो से;
दिल करता है सारी दुनिया जला दूं;
फिर सोचता हूं होंगे दुनिया में उसके भी अपने;
कहीं अंजाने में मैं उसे और ना रुला दूं।

रिश्ते खून के नहीं होते, रिश्ते एहसास के होते हैं,
अगर एहसास हो तो अजनबी भी अपने होते हैं,
और अगर एहसास ना हो तो अपने भी अजनबी हो जाते हैं।
सुप्रभात!

धोखा न देना तुझ पे ऐतबार बहुत है
ये दिल तेरी चाहत का तलबगार बहुत है
तेरी सूरत न देखें तो दिखाई कुछ नहीं देता
हम क्या करें के तुझ से हमें प्यार बहुत है

जीवन में किसी का भला करोगे, तो लाभ होगा क्योंकि भला का उल्टा लाभ होता है। और जीवन में किसी पर दया करोगे, तो वो याद करेगा क्योंकि दया का उल्टा याद होता है।

इस कदर इस जहाँ में जिंदा हूँ मैं;
हो गयी थी भूल अब शर्मिंदा हूँ मैं;
मेरी कोशिश है ​कि ना हो तेरी दुनिया में कोई गम;
तू आवाज़ दे गगन से एक परिंदा हूँ मैं​।

उस जैसा मोती पूरे समंद्र में नही है,
वो चीज़ माँग रहा हूँ जो मुक़्दर मे नही है,
किस्मत का लिखा तो मिल जाएगा मेरे ख़ुदा,
वो चीज़ अदा कर जो किस्मत में नही है

जो मुस्कुरा रहा है, उसे दर्द ने पाला होगा, जो चल रहा है उसके पाँव में छाला होगा !
बिना संघर्ष के इन्सान चमक नही सकता यारों, जो जलेगा उसी दिये में तो उजाला होगा !!

वो नजर कहां से लाऊँ जो तुम्हें भुला दे
वो दुआ कहां से लाऊँ जो इस दर्द को मिटा दे
मिलना तो लिखा होता है तकदीरों में
पर वो तकदीर ही कहां से लाऊँ जो हम दोनों को मिला दे

उसकी यादों को किसी कोने में छुपा नहीं सकता,
उसके चेहरे की मुस्कान कभी भुला नहीं सकता,
मेरा बस चलता तो उसकी हर याद को भूल जाता,
लेकिन इस टूटे दिल को मैं समझा नहीं सकता

सोच रहा था कुछ दिनो से मैं तेरे बारे मैं ये क तुझे अगर खुदा कहु तो वो खुदा बुरा मान जाएगा
फिर लगा के तू रूठी तो मनाने मैं जिंदगी निकल जाएगी वो तो फिर खुदा है 2 पल मे ही मान जाएगा

जिंदगी में हद से ज्यादा ख़ुशी और हद से ज्यादा गम का कभी किसी से इज़हार मत करना।
क्योंकि, ये दुनिया बड़ी ज़ालिम है।
हद से ज्यादा ख़ुशी पर ‘नज़र’ और हद से ज्यादा गम पर ‘नमक’ लगाती है।