सिलवटें ही सिलवटें थी बिस्तर पर सुबह
यादों की करवटें ही करवटें थी रात भर।

जो तेरी चाह में गुज़री वही ज़िन्दगी थी
उस के बाद तो बस ज़िन्दगी ने गुज़ारा है मुझे

जिनकी शायरियों में ददँ हौता हे ,वो शायरनही किसी बेवफा का दीवाना होता है "
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जो व्यक्ति हर समय कहता है कि मेरे पास समय नहीं है, वो व्यस्त नहीं बल्कि अस्त-व्यस्त है

कितनी खुबसूरत सी हो जाती है उस वक़्त दुनिया
जब हमारा अपना कोई कहता है तुम याद आ रहे हो

मुझे हिचकी तो आई पर शुक्र है तेरा नाम नहीं आया
वरना लोग मुझे तंग करते उम्र भर तेरे नाम से

यूँ तो सब कुछ सलामत है, तेरी दुनियाँ
में… ऐ ख़ुदा रिश्तें ही हैं, जो कुछ टूटे-टूटे से नज़र
आते है.

पुछो इस दिल से मैं तुम्हें कितना याद करता हूँ
पागल सी हो गयी है वो कलम जिससे मैं तेरा नाम लिखता है

जीने का तरीका काश वो फूटपाथ पे खेल रहा
बच्चा मुझे सिखा दे…ना जाने भूखा पेट लेकर कैसे मुस्कुरा लेता हैं..

मैं हमेशा झुकता रहा हूँ ,
आज थोडा तुम भी झुक जाओ
नही मांग रहा उम्र भर का साथ ,
बस मेरी सांस थमने तक तो रुक
जाओ….

अपनी सांसों में महकता पाया है तुझे, हर खवाब मे बुलाया है तुझे,
क्यू न करे याद तुझ को, जब खुदा ने हमारे लिए बनाया है तुझे.

जो दर्द सहा है हमने,
वो कभी तुमने भी सहा होता,
बस चल दिए बेगानों की तरह दामन छोड़ के,
कम से कम एक बार अलविदा तो कहा होता.

बरसात आये तो ज़मीन गीली न हो
धूप आये तो सरसों पीली न हो
ए दोस्त तूने यह कैसे सोच लिया कि
तेरी याद आये और पलकें गीली न हों

मुहब्बत में सच्चा यार न मिला
दिल से चाहे हमें वो प्यार न मिला
लूटा दिया उसके लिए सब कुछ मैने
मुसीबत में मुझे मददग़ार न मिला

तेरी आवाज़ तेरे रूप की पहचान है
तेरे दिल की धड़कन में दिल की जान है
ना सुनूं जिस दिन तेरी बातें
लगता है उस रोज़ ये जिस्म बेजान है