ज़िंदगी मे अभी तो बहुत चलना बाकी हैं अभी तो कई इंतेहनो से गुज़रना बाकी हैं
हमे लड़ना हे ज़िंदगी की सभी मुश्किलो से हमने तो मुठि भर ज़मीन नापी हैं
अभी तो हमे सारा जहाँ नापना बाकी हैं

एक आदमी की पत्नी उससे नाराज़ होकर हमेशा के लिए मायके चली गयी। आदमी रोज नाराज पत्नी के घर फोन करता।
सास: कितनी बार कहा है वह तुम्हारे लिए मर गयी है, रोज-रोज क्यों फोन करते हो?
पति: सुन कर अच्छा लगता है।

फूल इसलिए अच्छे की खुश्बू का पैगाम देते है
कांटे इसलिए अच्छे की दामन थाम लेते है
दोस्त इसलिए अच्छे कि वो मुझ पर जान देते है
और दुश्मनों को कैसे ख़राब कह दूँ
वो ही तो है जो हर महफ़िल में मेरा नाम लेते है

Maa kahti hai,meri daulat hai tu
Aur beta kisi ko jindgi man baitha hai

Mile Agar Kabhi Wo To Unse itna Kah Dena
Bina Teri Mohbbat Ke Wo Pagal Jee Nahi Sakta

Bs Ek aur Bar Uski Aankho Me Theek Se Dekh Lene De
Aye Khuda
Mujhe Aaj Bhi Yakeen Nhi Ki Wo Bewafa Hai

Logo ne sharab mehkhane ja ja kar pee hai
jo do pal mein utar jayegi
humne to pee hai apne mehboob ki aankho se
jo umar bhar naa utar payegi

अब दील भी बेचारा क्या करे
तन्हा चले तन्हा रुके

जी भर गया है तो बता दो
हमें इनकार पसंद है इंतजार नहीं

कौन कहता है के मुझे याद करो
लेकिन न आओ याद भी अब मुझको

करलो एक बार याद मुझको….
हिचकियाँ आए भी ज़माना हो गया…

तेरी ज़िन्दगी में ना सही…
पर तारीख में तो आज भी 13 ही हूँ..!!

शाम के बाद मिलती है रात,
हर बात में समाई हुई है तेरी याद.

जी भर गया है तो बता दो
हमें इनकार पसंद है इंतजार नहीं
Er kasz

उसने कहा क्या चल रहा है आज कल
हमने भी कह दिया सिर्फ साँसे