अगर रुक जाये मेरी धड़कन तो इसे मौत न समझना
अक्सर ऐसा हुआ है तुझे याद करते करते

कुछ इसलिए भी लोगों से ताल्लुक कम रखता
हूँ, कल मर भी जाऊं तो किसी की आँखे नम ना हों....

ये कैसे सिलसिले ठहर गए हैं तेरे मेरे दरमियाँ
ना जाग कर रात गुज़री ना सो कर दिन ढला

फक़त इतना कहा था हमें तुमसे मोहब्बत है
अब हमारी जान लोगे क्या ज़रा सी बात के पीछे

अब कहा जरुरत है हाथों मे पत्थर उठाने की
तोडने वाले तो जुबान से ही दिल तोड देते हैं

ख्वाइश बस इतनी सी है की तुम मेरे लफ़्ज़ों को समझो
आरज़ू ये नही की लोग वाह वाह करें

अब अपने ज़ख़्म दिखाऊँ किसे और किसे नहीं …!
बेगाने समझते नहीं और अपनो को दिखते नहीं.

इश्क करते है तुमसे इसलिए खामोश है अब तक
खुदा न करे मेरे लब खुले और तुम बर्बाद हो जाओ

मत पूछो कैसे गुजरता है हर पल तुम्हारे बिना
कभी बात करने की हसरत कभी देखने की तमन्ना

कितनी खुबसूरत सी हो जाती है उस वक़्तदुनिया,
जब हमारा अपना कोई कहता है तुम याद आ रहे हो

सुनो मैं जानता हूँ तुम मेरे पास नहीं
पर तुम मेरे मोबाईल के wallpaper पर हमेशा मुसकराती रहोगी

दिल के छालो को कोई शायरी कहे तो दर्द नही होता
तकलीफ तो तब होती है जब कोई वाह वाह करता है

तेरे हाथों में मुझे अपनी तक़दीर नज़र आती है;
देखूं मैं जो भी चेहरा तेरी तस्वीर नजर आती है।

सब सो गये अपने हाले दिल बयां करके
अफसोस की मेरा कोई नहीं जो मुझसे कहे तुम क्यों जाग रहे हो

अब सज़ा दे ही चुके हो तो मेरा हाल ना पूछना,
गर मैं बेगुनाह निकला तो तुम्हे अफ़सोस बहुत होगा…