ऐ काश कुदरत का कहीं ये नियम हुआ करे तुझे देखने के सिवा ना मुझे कोई काम हुआ करे।

भेज दी तस्वीर अपनी उन को ये लिख कर शकील ; आप की मर्ज़ी है चाहे जिस नज़र से देखिए।

कहते हैं ग़ज़ल क़ाफ़िया-पैमाई है नासिर; ये क़ाफ़िया-पैमाई ज़रा कर के तो देखो।

अच्छा_सुनो.....
मुझे बस इतना बता दो...
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इंतजार करू या बदल जाऊ तुम्हारी_तरह...
!!
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सुनते हैं कि मिल जाती है हर चीज़ दुआ से; इक रोज़ तुम्हे मांग के देखेंगे खुदा से।

मुनासिब समझो तो सिर्फ इतना ही बता दो
दिल बैचैन हैं बहुत कहीं तुम उदास तो नहीं

आज वो लड़की👧 भी मेरा #status
कॉपी करती है..जो 10th class में
मुझे बोलती थी देख 100 में se 100...
Aaye💁..😅😎

“इश्क” का धंधा ही बंद कर दिया साहेब।….
मुनाफे में “जेब” जले.. और घाटे में “दिल”

लाखों में इन्तिख़ाब के क़ाबिल बना दिया; जिस दिल को तुमने देख लिया दिल बना दिया।

चुप चाप चल रहे थे अपनी मंज़िल की और
फिर ठेके पर नज़र पड़ी और गुमराह से हो गये हम

हमारी तो यही पहचान हैं हँसता चेहरा
शराबी आँखे नवाबी शान और दोस्तों के लिए जान

देखना एक दिन मैं बदल जाऊंगा पूरी तरह
तुम्हारे लिए न सही तुम्हारी वजह से यकीनन

​उससे कहो के मेरी सजा को कुछ कम कर दे; मैं आदि मुजरिम नहीं हूँ गलती से इश्क हुआ था।

मुझे ढूंढ़ने की कोशिश अब ना किया कर
तूने रास्ता बदला तो मैंने मंजिल ही बदल डाली

कोई दुश्मनी नही ज़िन्दगी से मेरी बस ज़िद्द है
की किसी के साथ नही जीना चाहता अब