मेरी मोहब्बत भी काले धन की तरह है
छुपा भी नहीं सकते और दिखा भी नहीं सकते

रात को आजाद हो जाते हैं जाने किस तरह
सारा दिन रखता हूँ मै तो आंसू बाँध कर

अपनी कहे अपनी सुने अपने लिए जिए मरे ,
.
ऐसे सनम से दिल लगाना छोड़ दिया है !

सुना है प्यार में मुश्किल नहीं कुछ भी; चलो समंदर में आग लगा कर आज़माते हैं।

बाल सफेद करने में जिंदगी निकल जाती हैं !
काले तो आधे घंटे में हो जाते हैं !!

होती अगर मोहब्बत बादल के साये की तरह; तो मै तेरे शहर मे कभी धूप ना आने देता।

अक्ल कहती है ना जा कूचा-ए-क़ातिल की तरफ; सरफ़रोशी की हवस कहती है चल क्या होगा।

इस वहम में वो दाग़ को मरने नहीं देते; माशूक़ न मिल जाए कहीं ज़ेर-ए-ज़मीं और।

उनके आने की बंधी थी आस जब तक हमनशीं; सुबह हो जाती थी अक्सर जानिब-ए-दर देखते।

किसी की क्या मजाल थी; जो हमें खरीद सकता; हम तो खुद ही बिक गये; खरीददार देख के।

उसके साथ जीने का एक मौका दे दे ऐ खुदा; तेरे साथ तो हम मरने के बाद भी रह लेंगे।

ना जीने का शौक है मरने की तलब रखते हैं
दीवाने हैं हम दीवानगी गजब रखते हैं

इश्क की चोट का कुछ दिल पे असर हो तो सही; दर्द कम हो कि ज्यादा हो मगर हो तो सही।

मैं उसका हूं ये राज तो वो जान गई है
वो किसकी है ये सवाल मुझे सोने नहीं देता

हमसे बदल गये वो निगाहें तो क्या हुआ जिंदा हैं कितने लोग मोहब्बत किये बगैर!