​मोहब्बत के बाद मोहब्बत मुमकिन तो है; पर टूट कर चाहना सिर्फ एक बार होता है​।

खुदा करे मेरी जिंदगी में ऐसा मुकाम आये,
तेरी शादी के कार्ड पे मेरा नाम आये xD

हम कुछ ऐसे तेरे दीदार में खो जाते हैं; जैसे बच्चे भरे बाज़ार में खो जाते हैं।

तुम रख ना सकोगे मेरा तौफ़ा संभालकर; वरना मैं अभी दे दूं जिस्म से रूह निकाल कर।

मुहब्बत में झुकना कोई अजीब बात नहीं; चमकता सूरज भी तो ढल जाता है चाँद के लिए।

मुश्किल था कुछ तो इश्क़ की बाज़ी को जीतना; कुछ जीतने के ख़ौफ़ से हारे चले गए।

तेवर तो हम वक्त आने पे दिखायेंगे
शहेर तुम खरीदलो उस पर हुकुमत हम चलायेंगे

बुलंदी तक पहुंचना चाहता हूँ मै भी
पर गलत राहो से होकर जाऊ इतनी जल्दी भी नही

हाँ! मुझे रस्म-ए-मोहब्बत का सलीक़ा ही नहीं; जा! किसी और का होने की इजाज़त है तुझे।

हाल भी पूछा तो इन आँखों में आँसू आ गए
ज़िन्दगी के हादसे तस्वीर बन कर याद आ गए

वो जिधर देख रहे हैं सब उधर देख रहे हैं
हम तो बस देखने वालों की नजर देख रहे हैं

जी तो चाहता है चीर के रख दूं तुझे ए दिल
न तूं रहे तुझमे और न मोहब्बत रहे मुजमे

ऐ मोहब्बत तुझे पाने की कोई राह नहीं; तू तो उसे ही मिलेगी जिसे तेरी परवाह नहीं।

जब कभी टूट कर बिखरो तो बताना हमको; हम तुम्हें रेत के जर्रों से भी चुन सकते हैं।

तुम्हें नींद नहीं आती तो कोई और वजह होगी; अब हर ऐब के लिए कसूरवार इश्क तो नहीं।