बेनाम सा यह दर्द ठहर क्यों नही जाता; जो बीत गया है वो गुज़र क्यों नही जाता; वो एक ही चेहरा तो नही सारे जहाँ मैं; जो दूर है वो दिल से उतर क्यों नही जाता।

रौशनी करता हूँ अँधेरा मिटाने के लिए; शराब पीता हूँ मैं तुझको भुलाने के लिए; क्यों न बन सकी तुम मेरी ज़िंदगी; आज भी रोता हूँ सोच कर गुज़रे ज़माने के लिए।

वो सामने थी और हम पलके उठा ना सके;
चाहते थे पर पास उनके जा ना सके;
ना देख ले वो अपनी तस्वीर हमारी आँखों में;
बस यही सोच कर हम उनसे नज़रे मिला ना सके।

अपने सीने से लगाए हुए उम्मीद की लाश; मुद्दतों जीस्त को नाशाद किया है मैंने; तूने तो एक ही सदमे से किया था दो-चार; दिल को हर तरह से बर्बाद किया है मैंने!

जिन्‍दगी की राहों में बहुत से यार मिलेगें हम क्‍या हमसे भी अच्‍छे हजार मिलेगें
इन अच्‍छों की भीड में हमे ना भूला देना हम कहॉ आपको बार बार मिलेगें

रात क्या ढली कि सितारे चले गये
गैरों से क्या कहें हम जब अपने ही चले गये
जीत तो सकते थे हम भी इश्क की बाज़ी
पर तुम्हे जितने के लिए हम हारते चले गये

वो तो अपना दर्द रो-रो कर सुनाते रहे; हमारी तन्हाइयों से भी आँख चुराते रहे; हमें ही मिल गया बेवफ़ा का ख़िताब क्योंकि; हम हर दर्द मुस्कुरा कर छिपाते रहे।

दर्द हैं दिल मैं पर इसका ऐहसास नहीं होता रोता हैं दिल जब वो पास नहीं होता
बरबाद हो गए हम उनकी मोहब्बत में और वो कहते हैं
कि इस तरह प्यार नहीं होता

तेरे हसीन तस्सवुर का आसरा लेकर; दुखों के काँटे में सारे समेट लेता हूँ; तुम्हारा नाम ही काफी है राहत-ए-जान को; जिससे ग़मों की तेज़ हवाओं को मोड़ देता हूँ।

चाहत की राह में बिखरे अरमान बहुत है; हम उसकी याद में परेशान बहुत हैं; वो हर बार दिल तोड़ता है यह कह कर; मेरी उम्मीदों के दुनियाँ में अभी मुकाम बहुत हैं।

किसी के ऐब को तू बेनकाब ना कर,
खुदा हिसाब करेगा तू खुद हिसाब ना कर,
बुरी नज़र से ना देख मुझ को देखने वाले,
मैं लाख बुरा सही तू अपनी नज़र खराब ना कर...
G.R...s

लड़के की जमकर पिटाई करने के बाद
लोगो ने लडकी और उसकी स्कूटी को
उठा कर पूछा....
कहीं चोट तो नहीं लगी..?
लडकी- नहीं! रोज का काम है
स्कुटी सीख रही हूं।

वो हमें भूल भी जायें तो कोई गम नहीं; जाना उनका जान जाने से भी कम नहीं; जाने कैसे ज़ख़्म दिए हैं उसने इस दिल को; कि हर कोई कहता है कि इस दर्द की कोई मरहम नहीं।

दो दिलो की मोहब्बत से जलते हैं लोग;
तरह-तरह की बातें तो करते हैं लोग;
जब चाँद और सूरज का होता है खुलकर मिलन;
तो उसे भी "सूर्य ग्रहण" तक कहते हैं लोग!

उम्र की राह में रास्ते बदल जाते हैं; वक़्त की आंधी में इंसान बदल जाते हैं; सोचते हैं तुम्हें इतना याद ना करें लेकिन; आँख बंद करते ही इरादे बदल जाते हैं।