अपनी तो ज़िन्दगी है अजीब कहानी है; जिस चीज़ को चाहा वो चीज़ ही बेगानी है; हँसते भी है तो दुनिया को हँसाने के लिए; वरना दुनिया डूब जाये इन आखों में इतना पानी है।

फुर्सत किसे है ज़ख्मों को सरहाने की; निगाहें बदल जाती हैं अपनों-बेगानों की; तुम भी छोड़कर चले गए हो हमें ओ सनम; अब तो तमन्ना ही नहीं रही किसी और से दिल लगाने की।

आँखों से आंसू न निकले तो दर्द बड जाता है
उसके साथ बिताया हुआ हर पल याद आता है
शायद वो हमें अभी तक भूल गए होंगे
मगर अभी भी उसका चेहरा सपनो में नज़र आता है

ऐ दिल मत कर इतनी मोहब्बत तू किसी से; इश्क़ में मिला दर्द तू सह नहीं पायेगा; एक दिन टूट कर बिखर जायेगा अपनों के हाथों से; किसने तोडा ये भी किसी से कह नहीं पायेगा।

टूटे हुए प्याले में जाम नहीं आता
इश्क़ में मरीज को आराम नहीं आता
ये बेवफा दिल तोड़ने से पहले ये सोच तो लिया
होता
के टुटा हुआ दिल किसी के काम नहीं आता ……

​मुझको ऐसा दर्द मिला जिसकी दवा नहीं;​​फिर भी खुश हूँ मुझे उस से कोई गिला नहीं​;​​और कितने आंसू बहाऊँ उस के लिए​;​​जिसको खुदा ने मेरे नसीब में लिखा ही नहीं।

चंद कलियाँ नशात की चुन कर मुद्दतों महव-ए-यास रहता हूँ; तेरा मिलना ख़ुशी की बात सही तुझ से मिल कर उदास रहता हूँ। अनुवाद: नशात = खुशियां महव-ए-यास = दुखों में खोया

कौन कहता है इश्क़ में बस इकरार होता है
कौन कहता है इश्क़ में बस इंकार होता है
तन्हाई को तुम बेबसी का नाम ना दो
क्यूंकि इश्क़ का दूसरा नाम ही इंतज़ार होता है.

कभी दूर जा के रोये कभी पास आके रोये; हमें रुलाने वाले हमें रुला के रोये; मरने को तो मरते हैं सभी यारों; पर मरने का तो मजा ही तब है; जो दुश्मन भी जनाजे पे आ के रोये।

मोहब्बत करने वालों का यही हश्र होता है; दर्द-ए-दिल होता है दर्द-ए-जिगर होता है; बंद होंठ कुछ ना कुछ गुनगुनाते ही रहते हैं; खामोश निगाहों का भी गहरा असर होता है।

अब हवा जिधर जाये मैं भी उधर जाऊंगा; मैं खुश्बू हूँ हवाओं में बिखर जाऊंगा; अफ़सोस तुम्हें होगा मुझे सताओगे अगर; मेरा क्या जितना भी जलाओगे उतना ही निखर जाऊंगा।

देख कर उसको अक्सर हमे एहसास होता है; कभी कभी गम देने वाला भी बहुत ख़ास होता है; ये और बात है वो हर पल नही होता पास हमारे; मगर उसका दिया गम अक्सर हमारे पास होता है।

हम तो मौजूद थे रात में उजालों की तरह​;
लोग निकले ही नहीं ​ढूंढने वालों की तरह​;
दिल तो क्या हम रूह में भी उतर जाते​;
उस ने चाहा ही नहीं चाहने वालों की तरह​।

ग़म के दरियाओं से मिलकर बना है यह सागर; आप क्यों इसमें समाने की कोशिश करते हो; कुछ नहीं है और इस जीवन में दर्द के सिवा; आप क्यों इस ज़िंदगी में आने की कोशिश करते हो।

प्यार करने वालो की किस्मत ख़राब होती हैं हर वक़्त इन्तहा की घड़ी साथ होती हैं
वक़्त मिले तो रिश्तो की किताब खोल के देखना दोस्ती हर रिश्तो से लाजवाब होती हैं