तुम आज हँसते हो हंस लो मुझ पर ये आज़माइश ना बार-बार होगी; मैं जानता हूं मुझे ख़बर है कि कल फ़ज़ा ख़ुशगवार होगी; रहे मुहब्बत में ज़िन्दगी भर रहेगी ये कशमकश बराबर; ना तुमको क़ुरबत में जीत होगी ना मुझको फुर्कत में हार होगी।

यूं बादल भी सहम से जाते हैं दर्दे दिल की कहानी पर
रास्तों मे फिर तनहाई बिखर जाया करती है
हम फिर से अजनबी बन जाते है ज्माने के लिए
और दुनिया का दस्तूर तो देखिए साहब
हमे जान बूझ कर मैहफिल मे बुला लेते हैं आज्माने के लिए

कोशिश करो की कभी किसी की आँखों में आप की वजह से आंसू ना आयें
आंसू तभी आते हैं जब दिल में दर्द होता है
कभी किसी के दर्द की वजह ना बनो आप से छोटे भी आप से ये सब अपने आप सीख जायेंगे
और जब वो बड़े होंगे तो कभी आप की आँखों में आंसू नहीं आने देंगै

शेर के पर्दे में मैं ने ग़म सुनाया है बहुत मर्सिये ने दिल को मेरे भी रुलाया है बहुत; दी-ओ-कोहसर में रोता हूँ दहाड़े मार-मार दिलबरान-ए-शहर ने मुझ को सताया है बहुत; नहीं होता किसी से दिल गिरिफ़्ता इश्क़ का ज़ाहिरा ग़मगीं उसे रहना ख़ुश आया है बहुत!

उस ‪#‎इंसान‬ पर भरोसा करें जो आपके अंदर तीन बातें जान सके. . .
1- आपकी मुस्कुराहट के पीछे छिपा दुःख।
2- आपके गुस्से के पीछे छिपा प्यार।
3- आपके चुप रहने के पीछे का कारण।
"जो आपकी खामोशी से
आपकी तकलीफ का अंदाजा ना
कर सके,
उसके सामने जुबान से तकलीफ
बयान करना लफ्जों को जाया करना है।"