तेरे मुस्कुराने का असर सेहत पे होता है लोग पूछ लेते है..दवा का नाम क्या है !

एहसान किसी का वो रखते नहीं मेरा भी चुका दिया; जितना खाया था नमक मेरा मेरे जख्मों पर लगा दिया।

मिलना इत्तिफाक था बिछड़ना नसीब था; वो उतना ही दूर चला गया जितना वो करीब था; हम उसको देखने क लिए तरसते रहे; जिस शख्स की हथेली पे हमारा नसीब था।

शराफत से रह रहे है रहने दो जब मन हुआ इस कातिल दुनिया पे राज करने का
तो ना गोली चलेगी ना तलवार हमारी मोजडी के निशान देखकर लोग बोलेंगे ये बापु का साम्राज्य है

रोशनी बिना दिए का मतलब ही क्या; क्यों कहते है लोग कि मोहब्बत न कर दर्द मिलता है; वो क्या जाने कि दर्द बिना मोहब्बत का मतलब ही क्या!

दिलासा देते है लोग कि यू हर वक्त रोया न करो
मै कैसे बताऊँ कि कुछ दर्द सहने के काबिल नही होते

मशरूफ रहने का अंदाज़ तुम्हें तनहा ना कर दे ग़ालिब ; रिश्ते फुर्सत के नहीं तवज्जो के मोहताज़ होते हैं।

कटी पतंग का रूख़ तो था मेरे घर की तरफ
मगर उसे भी लूट लिया ऊंचे मकान वालों ने

आप और तुम में बहुत फर्क होता है
आप के सामने दुःख बयान नहीं किया जा सकता
पर तुम के सामने दिल खोल कर रख सकते हैं

एक छोरी मुझसे बोली एक तो तू Smart Handsome होके भी Single क्यू हैं
मेंने भी बोल दिया संस्कार पगली संस्कार

जिन्दगी गुजर जाती है एक मकान बनाने में और
कुदरत उफ़ तक नहीं करती बस्तियाँ गिराने में
ना उजाड़ ए खुदा किसी के आशियाने को
वक़्त बहुत लगता है एक छोटा सा घर बनाने को

मत पूछो कैसे गुजरता है हर पल तुम्हारे बिना
कभी बात करने की हसरत कभी देखने की तमन्ना

आँखों में है गम के आंसू और होंठो पर फ़रियाद है
और क्या है अब पास हमारे बस एक तेरी याद है
प्यार करके भूलना न आया हमें किसी के दिल को मनाना ना आया हमें
किसी से तड़पना तो सिख लिया पर किसी को तडपाना ना आया हमें

सिकंदर तो हम अपनी मर्जी से हें,
पर हम दुनिया नहीं दिल जीतने आये हें..

मेरे दिल का दर्द किसने देखा है; मुझे बस खुदा ने तड़पते देखा है; हम तन्हाई में बैठे रोते हैं; लोगों ने हमें महफ़िल में हँसते देखा है।