क्रोध एक प्रचंड अग्नि है जो मनुष्य इस अग्नि को वश में कर सकता है वह उसे बुझा देगा और जो मनुष्य अग्नि को वश में नहीं कर सकता वह स्वयं अपने आप को जला लेगा।

दो अक्षर का होता है लक; ढाई अक्षर का होता है भाग्य; तीन अक्षर का होता है नसीब; साढ़े तीन अक्षर की होती है किस्मत; पर ये चारों के चारों चार अक्षर मेहनत से छोटे होते हैं!

दया मनुष्य का स्वाभाविक गुण है।

रिश्ते मौके के नहीं भरोसे के मोहताज होते हैं।

जिसके पास उम्मीद है वो लाख बार हार कर भी नहीं हारता।

ये जरुरी नही कि हर जंग जीती जाए; जरुरी तो यह हैं कि हर हार से कुछ सीखा जाए।

कुछ कर गुजरने के लिए मौसम नहीं मन चाहिए; साधन सभी जुट जायेंगे संकल्प क धन चाहिए।

बस दुआएँ बटोरनें आया हूँ इस दुनिया में दोस्तों
माँ ने कहा दौलत तो साथ जाती नहीं

सत्य से कमाया धन हर प्रकार से सुख देता है; छल व कपट से कमाया धन केवल दुख ही दुख देता है।

उपलब्धि और आलोचना एक दूसरे के मित्र हैं उपलब्धियां बढ़ेंगी तो निश्चित ही आपकी आलोचनाएं भी बढ़ेंगी।

अमीर इतने बनो कि आप कितनी भी कीमती चीज को चाहो जब खरीद सको!कीमती इतने बनो कि अमीर से अमीर भी आपको खरीद न सके!

भगवान से कुछ मांगना ही है तो हमेशा अपनी माँ के सपने पूरे होने की दुआ माँगना; तुम खुद ब खुद आसमान की ऊंचाइया छू लोगे।

धर्म से कर्म इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि धर्म करके भगवान से मांगना पडता है जबकि कर्म करने से भगवान को खुद ही देना पडता है।

भगवान कहते हैं: उदास मत होना क्योंकि मैं तेरे साथ हूँ; सामने नहीं पर आसपास हूँ; पलकों को बंद कर दिल से याद करना; मैं और कोई नहीं तेरा आत्मविश्वास हूँ।

ख़ुशी आभार का सरलतम रूप है।