तेरे बाद किसी को प्यार से ना देखा हमने,
हमें इश्क का शौक है, आवारगी का नही..

दूर गगन में उड़कर भी..लौट आते हैं..!
परिंदे इन्सान की तरह बेपरवाह नही होते...

ख्वाब आँखों से गये नींद रातों से गयी
तुम गये तो लगा जिन्दगी हाथों से गयी

उसने कहा हमारी चाहत में मर सकते हो
हमने कहा मर गए तो तुम्हे चाहेंगे कैसे

मैं खुल के हँस रहा हूँ फकीर होते हुए
वो मुस्कुरा भी ना पाया अमीर होते हुए

इक बात कहूँ इश्क बुरा तो नहीँ मानोगे
बङी मौज के थे दिन तेरी पहचान से पहले

मेरा तो उस दिन ही प्यार से विश्वास उठ गया था
जब पहली बार धडकन मूवी देखी थी

मौसम की तरह बदले हैं उसने अपने वादे
ऊपर से ये जिद्द कि तुम मुझ पर यकीन करो

एक दिन तुमे एहसास होगा की मे कया था
पर जब तक मे तुमसे बहुत दुर जा चुका हुगा

दिल तो तब खुश हुआ मेरा जब उसने कहा..
तुम्हे छोड़ सकती हूँ माँ-बाप को नही...
G.R...s

वो जो औरों को बताता है जीने के तरीके ,
खुद मुट्ठी में मेरी जान लिए फिरता है .

तुम मेरे रास्तों को नहीं मोड़ सकते
क्यों की मैं मोड़ पर ही रास्ता बनाता हूँ

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हमने गुज़रे हुए लम्हों का हवाला जो दिया हँस के वो कहने लगे रात गई बात गई ...!!!

भीगी भीगी सी ये जो मेरी लिखावट है
स्याही में थोड़ी सी, अश्कों की मिलावट है

मुझे यकीन है मोहब्बत उसी को कहतें
है
!
के जख्म ताजा रहें निशान चला जाये