कोई इल्जाम रह गया हो तो वो भी दे दो
हम पहले भी बुरे थे अब थोड़ा और सही

" बड़ा आदमी वो हे ,जो अपने पास बेठे व्यक्ति को छोटा मेहसूस ना होने दे.."

न देखूँ तो भी बेचैनी देख लूँ तो भी बेचैनी
ये तेरा दीदार WhatsApp के blue tick जैसा

पत्थर पिस कर कदी मैदा न ना हुआ
जो Aggarwal न झुका दे ऐसा कोई लाल पैदा ना हुआ

न ज़ख्म भरे, न शराब सहारा हुई.,
न वो वापस लौटीं, न मोहब्बत दोबारा हुई..

तोड़ कर देख लिया आईना-ए-दिल तूने
तेरी सूरत के सिवा और बता क्या निकला

हो सके तो अब के कोई सौदा न करना;
मैं पिछली मोहब्बत में सब हार आया हूँ

कहने को तो वो सबको मिला देता है
इस बार खुदा को भी, ना हमें मिलाना आया

काश कोई ऐसा स्कूल भी कोई शहर में खोले
आदमी को जहाँ इंसान बनाया जाए..!

सिकंदर तो हम अपनी मर्जी से हें,
पर हम दुनिया नहीं दिल जीतने आये हें..

हमने दिल वापस मांगा तो वो सर झुका कर बोली , वो तो टूट गया खेलते खेलते ।।

न आह सुने दी न तड़प दिखाई दी..
फ़ना हो गए तेरे इश्क में बड़ी ख़ामोशी के साथ..!

आखें मत फाड पगले Dil को आराम दे
मेरे फोटो को इतना मत देख Apni wali पे
घ्यान दे..

दर्द ऐ महोबत तो हमने भी बहुत की,
पर भुल गये थे की HEROIN कभी
VILLAIN की नही होती...!!

आँसू बहा बहा के भी होते नही हैं कम
कितनी अमीर होती हैं आँखें गरीब की